Monday, April 12, 2021

रूस की वैक्सीन Sputnik V Corona Virus vaccine को मिली मंजूरी, भारत में डॉ रेड्डी कर रही है उत्पादन

 रूस की वैक्सीन Sputnik V को मिली मंजूरी, भारत में डॉ रेड्डी कर रही है उत्पादन 


देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर राहत देने वाली खबर आई है। Covishield और Covaxin के बाद अब एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। 


देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर राहत देने वाली खबर आई है। Covishield और Covaxin के बाद अब एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। सरकार ने रूस की कोरोना वैक्सीन Sputinik V के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने से वैक्सीन लगवाने वालों के लिए एक और वैक्सीन उपलब्ध हो गई है, जिससे कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी। 






गौरतलब है कि भारत में Sputinik V का उत्पादन फार्मा क्षेत्र की कंपनी डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज कर रही है, जिसने काफी दिन पहले ही उम्मीद जताई थी कि रूसी कोरोना वायरस रोधी टीके Sputinik-V को भारत में जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी और अब सोमवार को भारत सरकार द्वारा वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। 








कंपनी के सीईओ, एपीआई और सर्विसेज, दीपक सापरा ने 28 मार्च को बताया था,​ "यह दो खुराक का टीका होगा। आप पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक 21वें दिन लेंगे। टीका लेने के 28वें और 42वें दिन के बीच प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी। इसलिए यह दो खुराक का टीका है।"





भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं। खबरों के मुताबिक, कोरोना के टीके की वैश्विक दौड़ में 150 से अधिक कैंडिडेट्स यानी 'वैक्सीन उम्मीदवार' हैं, जिनमें से लगभग 10 अंतिम चरण के नैदानिक परीक्षण से गुजर रही हैं। इनमें से शीर्ष दावेदारों में अमेरिकी कंपनी फाइजर इंक, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, चीनी सिनोवैक वैक्सीन, रूसी स्पुतनिक-वी, भारतीय कोवैक्सिन, जायकोव-डी आदि शामिल हैं। रूस और चीन ने तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने से पहले ही टीकों को मंजूरी दे दी है और इमेरजेंसी अप्रूवल के तहत उच्च जोखिम समूह के लोगों को टीके लगाए भी जा रहे हैं। आइए एक-एक कर के जानते हैं शीर्ष वैक्सीन उम्मीदवारों की अपडेट स्थिति। 




अमेरिका की फाइजर इंक कंपनी ने घोषणा की है कि वह नवंबर तक वैक्सीन की मंजूरी के लिए अमेरिकी प्राधिकरण के पास आवेदन कर सकता है। फाइजर जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। नैदानिक परीक्षणों में शामिल करीब 44 हजार वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन के प्रभाव का डाटा नवंबर से पहले उपलब्ध होने की संभावना नहीं है। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अल्बर्ट बोर्ला के मुताबिक, नवंबर के तीसरे हफ्ते तक हमारे पास अंतिम आंकड़े होंगे और वैक्सीन सुरक्षित साबित होगी।

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