प्रिंस फ़िलिप: अंतिम संस्कार को लेकर क्या हैं तैयारियां?
प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा का शुक्रवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
आने वाले दिनों में अंतिम संस्कार को लेकर अधिक जानकारी सार्वजनिक की जाएगी लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी बड़े सरकारी कार्यक्रम की जगह केवल एक औपचारिक आयोजन होगा.
ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की है कि अंतिम संस्कार के दिन सुबह 8 बजे तक सभी सरकारी इमारतों पर यूनियन जैक्स और राष्ट्रीय झंडे आधे झुके रहेंगे. महारानी जहां नहीं रह रही होंगी उन शाही इमारतों पर लगे यूनियन जैक्स भी आधे फहराए जाएंगे.
यह परिवर्तन ब्रिटेन के शाही परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य के देहांत के कारण हुए हैं.
अगर आप आज समाचार देख रहे हैं या पढ़ रहे हैं तो आप समझ गए होंगे कि वो शख़्स महारानी के पति प्रिंस फ़िलिप हैं. शाही परिवार के चार वरिष्ठ सदस्यों में से एक पर बीबीसी इस तरह से रिपोर्ट करेगा.
उनके बाद महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय, उनके बेटे और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स (प्रिंस ऑफ़ वेल्स) और उनके बेटे और ताज के अगले उत्तराधिकारी प्रिंस विलियम (ड्यूक ऑफ़ कैम्ब्रिज) हैं.
महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय सबसे अधिक समय तक देश के सिंहासन पर हैं, वो इस पर 69 सालों से हैं. वो इस समय ब्रिटेन और 15 अन्य देशों की राष्ट्राध्यक्ष हैं.
साथ ही वो कॉमनवेल्थ की प्रमुख हैं जो कि 54 स्वतंत्र देशों का एक स्वयंसेवी संघ है जिनमें से अधिकतर ब्रिटिश शासन में रहे हैं. ब्रिटेन के लोगों और कइयों के लिए वो बहुत कुछ हैं.
जब भी ब्रिटेन के शाही परिवार के किसी शख़्स की मृत्यु होती है तो वह ख़बर दुनियाभर की मीडिया का ध्यान खींचती है.
महारानी एलिज़ाबेथ की मां जिन्हें आमतौर पर क्वीन मदर के तौर पर जाना जाता था जब 2002 में उनकी मौत हुई तब उनके शव को वेस्टमिंस्टर पैलेस में तीन दिनों तक रखा गया था जहां पर एक लाख से अधिक लोग शोक प्रकट करने पहुँचे थे.
ऐसा अनुमान है कि विंडसर में उन्हें दफ़नाने से पहले सड़कों पर 10 लाख से अधिक लोग इकट्ठा हुए थे और टीवी पर इसको एक करोड़ लोगों ने देखा था. वैश्विक मीडिया ने इस घटना को बेहद विस्तार से देखा था.
यह शायद ही हैरान करने वाला हो कि शाही परिवार के किसी सदस्य से जुड़ी कोई ख़बर पूरी दुनिया में चर्चा बटोरती है. कई शाही परिवार के कार्यक्रम दुनियाभर में अरबों लोग देखते हैं.
यह बहुत आसान है कि ये एक बड़ी ख़बर होती है
यह सच है कि प्रिंस फ़िलिप कभी भी राजगद्दी की क़तार में नहीं थे और उन्हें कभी भी राजा की उपाधि नहीं मिली. उनके बेटे सिंहासन के वारिस हैं.
ब्रिटेन में कोई महिला अगर सम्राट से विवाह करती है तो उसे महारानी की उपाधि मिलती है लेकिन अगर कोई पुरुष महारानी से विवाह करता है तो उसे राजा की उपाधि नहीं मिल सकती. यह केवल पुरुष सम्राट के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
20 नवंबर 1947 में विवाह के बाद वो महारानी एलिज़ाबेथ के एक क़रीबी मित्र की तरह रहे. ब्रिटेन के इतिहास में वो महारानी के सबसे लंबे सहचारी रहे हैं और उनका प्राथमिक कार्य महारानी का सहयोग करना था.
वे एक टीम की तरह थे और महारानी अपने हर भाषण की शुरुआत 'मेरे पति और मैं..' से ही किया करती थीं.
विवाह की अपनी पचासवीं सालगिरह पर महारानी ने अपने भाषण में कहा था, "वह बेहद सरल और कई सालों तक मेरी ताक़त रहे हैं. और मैं और मेरे पूरे परिवार और इस देश और कई दूसरे देशों पर उनका उतना क़र्ज़ है जितना उन्होंने कभी दावा भी नहीं किया होगा या हम कभी जान पाएंगे."
उनकी मौत की कवरेज के लिए क्या यह सभी कारण काफ़ी महत्वपूर्ण हैं?
डायमंड कहते हैं, "वास्तव में यह अंतिम वैश्विक राजशाही है और फ़िलिप हमेशा महारानी की ओर रहे और उनके साथ यात्राएं करते रहे. वह उनके साथ दुनिया में हर कोने में नज़र आए."
"वास्तव में वो विश्व के और अपनी तरह के एक प्रसिद्ध व्यक्ति रहे हैं."
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